यह तस्वीर धर्मशाला के कजलोट ग्राम पंचायत की है। इंद्रुनाग पैराग्लाइडिंग साइट से कुछ दूर। पंचायत प्रशासन ने पर्यटकों की सहूलियत के लिए जो सुविधाएं दी है, इस तस्वीर को देख कर लगता है कि वह उनकी समझ से परे है। वैसे नासमझी का यह आलम देश भर में व्याप्त है। हमारी स्वच्छ रहने की इच्छा कूड़ादान पहुंचने से पहले बिखर जाती है। घर से बाहर निकलते ही हम निपट मतलबी हो जाते है।
'क्या फर्क पड़ता है' 'सब चलता है'- ऐसी मानसिकता के सामने कूड़ादान असहाय खड़ा है।
फोटो- संदीप शर्मा |
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