Saturday, August 25, 2012

यमुना बैंक - बाढ़ के बाद खामोश मंदिर


मंदिर में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन का स्थान। लेख व सभी फोटो : संदीप शर्मा।
यमुना की बाढ़ सब कुछ बहा ले गई। जो कुछ बचा है उनमें यह मंदिर भी शामिल है। झुग्गियां उजड़ गईं, फसल नष्ट हो गई। खेत लापता हो गए। सब बेमेल हो गया है। खेत बालू और पत्थर से भरे पड़े है। जानी नुक्सान से तो बच गए लेकिन माल सारा बह गया। अरसे से यहां जीवन काट रहे लोग एक और पलायन की सोच रहे हैं।

यमुना की तलहटी में दाखिल होते ही यह मंदिर दिखाई दिया। सुनसान खड़ा। पास में एक तंबू भी गड़ा दिखा। झांका, तो भीतर कोई नहीं। तंबू बिल्कुल ताजाताजा था। नई तिरपाल और चारों तरफ खुदाई के निशान। दिल्ली सरकार ने राहत के तौर पर बाढ़ पीड़ितों को तंबू बांटे है। शायद उसका ही असर है।

झाड़ियों और सफेदे के सुनसान घने जंगल में कोई नजर नहीं आया। नजर आता तो कुछ शाह-पूछ अवश्य होती। मंदिर के बारे में मन में उठे सवाल पूछता। मंदिर छोटा था लेकिन खूब सजाया हुआ था। सोचा कि जिस मुफलिस की दिनचर्यो का यह मंदिर अहम हिस्सा रहा होगा, वह किस दशा में होगा। उसका क्या बचा और क्या बहा होगा। क्या इस मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं ने उसकी बाढ़ से रक्षा की होगी। यमुना के किनारे में घुसते और बाहर निकलते समय यहां कुछ समय खड़ा इधर–उधर झांकता रहा। तंबू अब भी खामोश ही खड़ा दिखा। वपसी के समय फिर मंदिर को कुछ देर देखता रहा। मंदिर पर लगी अभिनेता अमिताभ बच्चन की तस्वीर ने बहुत आकर्षित किया। नजर अटक गई। लगा कि बाढ़ के बाद मंदिर के आस-पास छाई खामोशी ही स्थिति का सबसे बड़ा बयान था।


साल के घने जंगल और झाड़ियों से घिरा मंदिर
मैंने इंसान को भगवान बनते देखा है

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